Adi Shankaracharya Jayanti 2022: आज 6 मई शुक्रवार को आदि शंकराचार्य की 1234वीं जयंती है। जिसे आज बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। आदि शंकराचार्य को एक और नाम से भी जाना जाता है जगतगुरु शंकराचार्य भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक संतों और दार्शनिकों में आदि शंकराचार्य का नाम भी बड़े गौरव के साथ लिया जाता है।
बात करे आदि गुरु शंकराचार्य के जन्म की तो उनका जन्म दक्षिण भारत के केरल राज्य में नम्बूदरी ब्राह्राण में हुआ था। आदि शंकराचार्य के जन्म कुछ सालों बाद ही इनके पिता का देहांत हो गया था। जिसके बाद आदि शंकराचार्य को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। आदि शंकराचार्य बचपन से एक प्रतिभाशाली बालक थे। 3 साल की उम्र में ही आदि शंकराचार्य को मलयालम का ज्ञान प्राप्त कर हो गया था।
हिंदू धर्म की पुर्नस्थापना करने वाले आदि शंकराचार्य का जन्म आज से लगभग 1200 वर्ष पहले कोचीन से 5 से6 मील दूर कालटी गांव में नंबूदरी ब्राह्राण परिवार में जन्म हुआ था। इसके अलावा ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य की गद्दी पर आज भी नम्बूदरी ब्राह्मण ही बैठते हैं दूसरे कुल के व्यक्ति इस गद्दी पर नहीं बैठ सकते है।
आदि शंकराचार्य की जयंती वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि के दौरान हर वर्ष मनाई जाती है और इस वर्ष यह मई महीने में मनाई जा रही है। आदि शंकराचार्य ने हिन्दू समाज को पूण स्थापित करने में बहुत सहयोग किया था और आदि शंकराचार्य प्रतिभाशाली बालक थे इसलिए इन्होने कम उम्र में ही बहुत सारे वेदों का ज्ञान हो गया।